वैज्ञानिकों को मिली कोरोना के खिलाफ लड़ने में सक्षम एंटीबॉडी: शोध में दावा

वैज्ञानिकों को मिली कोरोना के खिलाफ लड़ने में सक्षम एंटीबॉडी: शोध में दावा

सेहतराग टीम

अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक लैब टेस्टिंग प्रक्रिया विकसित की है। यह उन एंटीबॉडी की पहचान करने में सहायक है, जो हमारी कोशिकाओं में होने वाले कोरोना वायरस संक्रमण से हमें बचाती हैं। इस खोज से कोरोना वायरस के इलाज की राह में भी उम्‍मीद जगी है।

पढ़ें- महामारी की वजह से 40 फीसदी तक घटेगा निजी अस्पतालों का परिचालन लाभ: रिपोर्ट

वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना वायरस से ठीक हो चुके एक मरीज के शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने की संभावना रहती है। लेकिन इससे असल में यह नहीं पता चल पाता है कि उनके शरीर में कितनी इम्‍यूनिटी विकसित हुई है। कुछ एंटीबॉडी शरीर की रक्षा करती हैं जबकि कुछ एंटीबॉडी शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं।

यह शोध जेसीआई इनसाइट जर्नल में प्रकाशित हुआ है। डॉ. लियू इस शोध के वरिष्‍ठ शोधकर्ता हैं। ओहायो स्‍टेट यूनवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉ. शान लू लियू के अनुसार मौजूदा समय में कई तरह की जांच मौजूद हैं, जो एंटीबॉडी की पहचान करने में मदद करती हैं। लेकिन यह हमें यह नहीं बताती कि क्‍या ये एंटीबॉडी को निष्क्रिय कर सकती हैं। हम इनके जरिए सिर्फ यह जान पाते हैं कि किसी व्‍यक्ति के शरीर में कितनी एंटीबॉडी मौजूद हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार यह जांच इस बात का जानने में मदद करती है कि क्‍या एंटीबॉडी में बचाव क्षमता है। ऐसे में यह किसी मरीज को दोबारा संक्रमण होने से बचा सकती हैं। इस शोध में यह सबूत मिले हैं कि आईसीयू में भर्ती सभी मरीजों के शरीर में खराब एंटीबॉडी को खत्‍म करने की क्षमता विकसित हुई। वहीं प्‍लाज्‍मा डोनर और स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों में एंटीबॉडी का कम स्‍तर मिला। इसके अलावा यह भी पता चला है कि जितनी गंभीर बीमारी से मरीज पीडि़त होगा, उसके शरीर में उतनी ही अधिक एंटीबॉडी बनेंगी।

 

इसे भी पढ़ें-

कोविड-19 टीके के बड़े हिस्से का विनिर्माण भारत में होने की संभावना

माउथवॉश से मानव में निष्क्रिय किया जा सकता है कोरोना वायरस: शोध में दावा

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।